मधुबन थाना क्षेत्र  में अपराजिता हत्याकांड का खुलासा: पति समेत ससुराल वालों ने रची थी साजिश, चार गिरफ्तार

कतरास/ धनबाद।
सिनीडीह स्थित वर्कशॉप कॉलोनी की अपराजिता की गुमशुदगी और हत्या का राज़ पुलिस ने सुलझा लिया है। पति नीरज झा, ससुर काशीनाथ झा, सास शोभा देवी, दो ननद विनीता और संगीता, तथा भगिनी सृष्टि ने मिलकर उसकी निर्मम हत्या की थी। पुलिस ने बताया कि हत्या के तरीके ने हैवानियत और दरिंदगी की सभी हदें पार कर दी थीं
हत्या के पीछे साजिश का खुलासा
ससुराल वालों ने अपराजिता को एक महीने से अधिक समय तक कमरे में बंद रखा, जहां उसे खाना और पानी भी नहीं दिया गया। 10 दिसंबर को हत्या के बाद, पुलिस को गुमराह करने के लिए मधुबन थाना में उसकी गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
नीरज झा ने स्वीकारा अपराधमानवीय और तकनीकी स्रोतों के आधार पर पुलिस ने जब पति नीरज झा से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली। नीरज ने बताया कि हत्या के बाद अपराजिता की लाश दो दिनों तक घर में रखी गई। 12 दिसंबर को उसने लाश को प्लास्टिक के डबल बोरे में भरकर स्कूटी से राजगंज के नेशनल हाइवे के पास एक पुल के नीचे फेंक दिया।

पुलिस की कार्रवाईपुलिस की कार्रवाई
नीरज के बताए स्थान से पुलिस ने अपराजिता की लाश बरामद कर ली है। हत्या में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो अन्य की तलाश जारी है। गिरफ्तार आरोपियों में पति नीरज झा, ससुर काशीनाथ झा, सास शोभा देवी और ननद विनीता शामिल हैं। पुलिस ने सभी पर साजिशन हत्या, पुलिस को गुमराह करने और सबूत छुपाने का मामला दर्ज किया है।अपराजिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
अपराजिता की लाश को पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेजा गया है। गिरफ्तार आरोपियों को मेडिकल जांच के बाद जेल भेजने की प्रक्रिया जारी है।

दहेज उत्पीड़न का आरोप
अपराजिता के मायकेवालों ने ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए मारपीट करने और उसे मानसिक यातनाएं देने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि अपराजिता को अपने परिवार से बात करने तक की इजाजत नहीं थी।

पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
24 दिसंबर से लापता अपराजिता की गुमशुदगी पुलिस के लिए चुनौती बन गई थी। ससुराल वालों का दावा था कि वह डेढ़ साल के बच्चे को छोड़कर बिना बताए चली गई, लेकिन किसी ने उसे घर से बाहर जाते हुए नहीं देखा था।

पड़ोसियों ने नहीं दी जानकारी
आस-पड़ोस के लोग भी अपराजिता से परिचित नहीं थे, जिससे पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पाया। इसके बावजूद, मधुबन पुलिस ने मामले की तह तक जाने का संकल्प लिया और सभी पहलुओं से पर्दा उठा दिया। अपराजिता की हत्या एक सुनियोजित साजिश का नतीजा थी। पुलिस की सघन जांच और कड़ी पूछताछ से इस जघन्य अपराध का खुलासा हो पाया। मामले में अभी भी कुछ आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है।

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